Radhe
Maa ji ki Painting
राधे
माँ जी की तस्वीर
बॉलीवुड के मशहूर
चित्रकार हरीश पांडेय जी के साथ एक विशेष मुलाकात
हरीश पांडेय जी का कहना है कि मेरे को पता नहीं कैसे मेरे दिमाग में देवी माँ जी की एक धुंदली सी तस्वीर अपने आप आने लगी ! मैंने कभी भी इस बारे में सोचा नहीं
था ! मै राधे माँ जी की तस्वीर बनाऊगा
! मै ऐसे कोई झूठी बातें नहीं कहूँगा कि मै देवी माँ जी के पास दस् साल से पंद्रह साल या फिर बीस साल से आ रहा हू ! ये 2018 का साल जो शुरू हुआ, उसी में मेरे दिमाग में
राधे माँ जी का विचार आने लगा और मै ये सोचने लगा कि ऐसा मेरे साथ क्यों होने लगा है
? तो मैंने मेरी पत्नी से बातचीत कि तो वो बोली शायद माता का
आपको कोई सन्देशा मिल रहा है, तो एक काम करो
आप उनको एक बार जा के मिलो ! मैंने कहा ठीक है !
मैं दो तीन बार देवी माँ जी के पास आया, मगर
उनके दर्शन नहीं हुए ! उसी दौरान मैंने सोचा
कि मै एक चित्रकार हू ! क्यों न मै उनको अपनी
एक चित्रकारी गिफ्ट दू ? मैं उस पर मेहनत करने लगा ! जी तोड़ मेहनत करने में मे्रे
को तीन महीने लगे इस पेंटिंग को बनाने मे !
संवाददाता :-
जिस तरह राधे माँ जी के प्रति लोगो में श्रद्धा है, विश्वास है , भाव है तो पेटिंग बनाते समय आपके मन मे कोई ऐसा डर था की मुझसे कोई चूक न हो जाये ? मुझसे कोई गलतियां न हो जाये ? ऐसा कोई विचार आपके मन मे आया होगा ?
हरीश पांडेय :-
पेंटिंग बनाते समय मे्रे को बहुत कॉन्फिडेंस था कि ये पेंटिंग बहुत बेहतरीन बनेगी और जब मे पेंटिंग बनाता हूँ तो ऐसा पर्सनली फील करता हूँ कि जैसे मै मेरी
माँ की गोद मे बैठा हूँ . मतलब माँ की
गोद मे बैठने के बाद बच्चा खुद को कितना मेहफूज महसूस करता है अपने आप को , बस उसी तरह और देवी माँ जी की
पेंटिंग बनाना तो माता की ही पेंटिंग मैं बना रहा हूँ तो मुझे बहुत अच्छा लगा , कुछ ऐसे डर जैसा कुछ भी नहीं
!
संवाददाता :-
तो रंगो का चयन अपने किस तरह किया ? पेंटिंग में आपको रंगो के साथ खेलना होता है अपने इस पेंटिंग में रंगो के साथ किस तरह खेला ?
हरीश पांडेय :-
बहुत दिल से
खेला है
! जितने भी मे्रे
दिल मे
भाव थे
वो सारे
मैंने मे्रे
रंगो के
द्वारा चित्र
में भरे
है ,मे्रे
हिसाब से !
संवाददाता :-
देवी माँ जी को लाल रंग से बहुत लगाव है वो हमेशा लाल रंग मे ही नज़र आती है , तो इस पेंटिंग मे अपने कैसे ध्यांन रखा है ?
हरीश पांडेय :-
उनका लाल रंग
का जो
चोला है
वो मैंने
लाल ही
रखा है
और भी
बहुत सारी चीज़ो का
ध्यान खा गया
है इस चित्र मे
क्योकि मै जानता
हूँ कि माता
को लाल
रंग बहुत
पसंद है !
संवाददाता :-
अपने पहले भी बहुत सारी पेंटिंग बनाई है ! आपकी ये होब्बी है ! आप ये काफी समय से बनाते आ रहे है ! उन पेंटिंग और इस पेंटिंग को बनाते समय कितना अलग सा रहा ? कितनी एक अलग सी सोच रही ? खुशी रही ? किस भाव से बनाई ये ?
हरीश पांडेय :-
इस पेंटिंग को बनाने का मेरा
कुछ अलग
सा ही
अनुभव रहा
है कि
मुझे ये
पेंटिंग बनाने
में तीन
महीने का
वक़्त लगा ! क्योकि नार्मल पेंटिंग मैं
आठ या
दस् दिन
में बना
लेता हूँ
.पर इस
पेटिंग को
बनाते बनाते
मैं बहुत ही गहराई
में चला
गया और
माता का
ध्यान पूर्वक दिमाग में सोचा
कि माता
का दिल
कैसा होगा
? विचार कैसे होंगे ? पूरा
का पूरा
मेरे दिमाग
मैं अपने
आप आता
चला गया
तो इन
सब बातो
को ध्यान
मैं रख के मैंने ये पेंटिंग बनाई !
संवाददाता :-
आप कैसे राधे माँ जी को जानते हो ?
हरीश पांडेय :-
उनको बहुत सालों
से टीवी
में देखा
है, तो
पता है
कि वो
राधे माँ
है,लेकिन ऐसा फीलिंग मेरे अंदर नहीं था ! ये तो
2018 में मेरे
मन में
ख्याल आया
और मैंने
ये पेंटिंग बनायीं !
संवाददाता :-
अब आप देवी माँ से मिलने को और उनको ये पेटिंग देने के लिए कितने उत्साहित हो ?
हरीश पांडेय :-
मैं बहुत ही
ज्यादा उत्साहित हूँ कि मैं
आपको इन
शब्दो में
बता नहीं
सकता !
Radhe
Maa ke Bhakt….Rmkb….SRB….Jsrm
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